संगठन का परिचय :
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना एक सामाजिक संगठन है तथा इसकी स्थापना 03- मार्च-2016 को माननीय श्री सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के द्वारा समाज को मुखर आवाज प्रदान करने के लिए की गयी थी, जैसा की आपको विधित होगा समाज को विभिन्न कारणो से जो समस्याओ से रूबरू होना पड़ता था उनका समाधान करने हेतु इस संगठन का निर्माण किया गया था ।
स्थापना से लेकर अब तक विभिन्न सामाजिक मुददो पर संस्थापक तथा उनकी टीम ने प्रभावी ढंग से समाज कि आवाज को बुलंद किया है तथा राजनैतिक एवं सामाजिक स्तर पर अपना प्रभाव दर्ज किया है
कालांतर में समाज की विभिन्न समस्याओं को माननीय श्री सुखदेव सिंह शेखावत (गोगामेड़ी) द्वारा उठाया गया था, तथा विभिन्न मुद्दों पे समाज का साथ तथा प्यार मिलने के साथ ही कामयाबी भी मिलती रही है, उसी उत्साह के फलस्वरूप वर्तमान में इस संगठन की प्रासंगिकता और ज़्यादा महत्वपूर्ण हो जाती है, खासतौर से तब, जब समाज में उदासीनता हो तथा सामाजिक मुद्दों पे किसी का ध्यान न जा रहा हो। अभी तक की सभी सरकारों का कार्यकाल तथा विकास में योगदान महत्वपूर्ण रहा है, चाहे वह किसी भी पार्टी की क्यों न हो, किन्तु जनजागरण के आभाव में विकास के लिए जो अपेक्षित वातावरण होना चाहिए वह दिखाई नहीं दे रहा है, हमारा समाज ऊंच-नीच, जाती-पाँति, छोटे-बड़े, तथा राजनितिक दल विशेष का प्रतिनिधित्व की बात करता दिखाई देता है।
राष्ट्रवाद, सामजिक एकता, तथा कुरीतियों के खिलाफ हम एकजुट दिखाई नहीं देते है, अभी तक हम हिन्दू न हो कर ब्राह्मण, सिख, राजपूत, बनिया, जाट, शूद्र बन कर घूम रहे है । हमारे समाज में अभी भी आरक्षण की ज़रूरत पड़ती है, तथा छुआछूत जैसी भयानक समस्या है।
कोई भी शिक्षित नहीं होना चाहता है, हमारे यहाँ पर अधिकार की बात की जाती है, पर कर्तव्य की नहीं, तथा बोलने की स्वतंत्रता के नाम पे राष्ट्र के खिलाफ भी कुछ भी बोला जा सकता है, धार्मिक आस्था के विरुद्ध जन भावना को आहात किया जा सकता है, क्यूंकि संविधान से आजादी मिली हुई है, भ्रष्टाचार अपने चरम पर है। छोटी से छोटी समस्या के हल के लिए हम कोर्ट चले जाते है, सरकार के कार्य के लिए बार-बार सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाता है, हमारी सांस्कृतिक विरासत को तोड़ा-मरोड़ा जा रहा है फिर भी समाज चुप बैठ कर मौन दर्शक बना हुआ है।
हमे बिजली तथा पानी पर्याप्त तथा उचित मात्रा में चाहिए किन्तु वो फ्री होना चाहिए, अच्छी आर्थिक स्थिति होते हुए भी हमे BPL व्यवस्था का लाभ चाहिए। नौकरी सरकारी चाहिए किन्तु सरकारी स्कूल में बच्चे नहीं पढ़ाएंगे और न ही सरकारी अस्पताल में इलाज करवाएंगे, आज भी हमे पुलिस थाने में जाने से डर लगता है, और तो और हम सभी मानते है की कानून सिर्फ पैसे वालो के लिए होता है । ऐसे में समाज में जो समस्याए है उनका क्या ? वर्तमान में हम सरकार से रोजगार भी चाहते है, शिक्षा भी चाहते है, आवास भी चाहते है, पर्यवरण शुद्धता भी चाहते है, गंगा की सफाई भी चाहते है, राम मंदिर का निर्माण भी चाहते है, हमारे घर से कचरा उठाये वो भी चाहते है, हमारे व्यापर ढंग से चले वो भी चाहते है, कृषि के लिए लोन भी चाहते है, किन्तु लोन चुकाना नहीं है वो सरकार माफ़ कर दे, हम टैक्स भी नहीं देना चाहते , हम सरकारी ड्यूटी पे भी नहीं जाना चाहते, हम रिश्वत भी लेना चाहते है, हम मेहनत नहीं करना चाहते, फ़ौज में नौकरी नहीं करना चाहते, शहादत पर मोमबत्ती तो जला सकते है किन्तु अपने घर से कोई शहीद हो ये बर्दास्त नहीं है, किसी बहन का बलात्कार हो तो मोमबत्ती जला सकते है, किन्तु उस बहन की सुरक्षा नहीं कर सकते, ऐसा कब तक चलेगा?
हमारी ये मुहीम सामाजिक एकता को स्थापित करने के लिए है, तथा हम समाज की समरसता को स्थापित करते हुए जागरूक तथा आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाना चाहते है, हम चाहते है की समाज शिक्षित और जागरूक हो, समाज अपनी व्यवस्था खुद करे तथा आपस में मिल कर समस्याओ का समाधान निकले, ऐसी मुहीम का नाम श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना है, जो की माननीय सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के नेतृत्व में चलाया जा रहा है ।
यह मुहीम सरकार की अनुपूरक व्यवस्था है, जो कानून तथा प्रशाशन को सहयोग करती है, इसका लक्ष्य ग्राम स्वराज को प्राप्त करना है, इस व्यवस्था में सभी अपने-अपने प्रयास से राष्ट्र निर्माण में सहयोग करते है, चाहे वो रोजगार हो चाहे वो शिक्षा हो ।
हमारा लक्ष्य :
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का लक्ष्य सनातन धर्म के आदर्श को आधुनिक समाज तथा वर्तमान एवं भविष्य के परिपेक्ष्य में समायोजित करने का प्रयास हैं। जिसके तहत समाज में कर्त्तव्यनिष्ठा,एकता तथा आर्थिक उन्नति प्रमुख है ।इसे हम प्रगतिशील लोकतांत्रिक व्यवस्था कह सकते है ।
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना हमारे भारत के वर्त्तमान परिपेक्षय में जो समस्याऍ है, उनका उचित समाधान लोकतांत्रिक प्रणाली के आधार पर चाहता है ।
अतःश्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का लक्ष्य एक विकासशील लोकतान्त्रिक व्यवस्था है ।जिसमे धनबल ,बाहुबल के आधार पर जनप्रतिनिधि का चुनाव ना होकर जनता द्वारा अपने हिसाब से अपनी समस्याओं के निवारण के लिए चुना जाये ,तथा कार्यप्रणाली सही न होने पर उसे विस्थापित भी किया जा सके । युरोपिन लोकतान्त्रिक व्यवस्था इसका जीवनता उदाहरण है । जहाँ जनता का सुझाव तथा आवाज ही सरकार कि आवाज होती है |
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना द्वारा इस मुहीम के माध्यम से पुरजोर विरोध किया जाएगा, जो छदम लोकतंत्र के नाम पर राष्ट्रहित, मातृभूमि के हितो को ताक पर रख देते है,अथवा राष्ट्र की छवि को नुकसान पहुंचाते हुए समाज के लिए सविधान के नाम पर दोहरे मापदंड अपनाते हैं ।
हम सक्रिय राजनीती का हिस्सा ना बन कर समाज में परिवर्तन कि ब्यार लाना चाहते है ।यह कार्य समाज को एकीकृत करके आत्मनिर्भर व्यवस्था के संचालन द्वारा होगा ,जहाँ समाज के जागरूक नागरिको द्वारा समाज के लिए ,समाज कि इच्छानुसार कानून तथा प्रशासन के दायरे में रहकर सरकार के अनुपूरक के रूप में काम किया जायेगा ।
हमारे राष्ट्रीय लक्ष्य :
• गौ माता को राष्ट्रीय माता का दर्जा दिया जाए ।
• आरक्षण को आर्थिक आधार पे लागू किया जाए
• समाज की समरसता को बनाये रखने के लिए अस्पर्श्यता कानून के दुरूपयोग की रोकथाम हेतु प्रावधान निकाले जाए।
• सनातन संस्कृति के प्रतीक तथा धार्मिक आस्था के केन्द्रो का पुनरुद्धार किया जाए।
• शिक्षा व्यवस्था को रोजगारपरक तथा सांस्कृतिक बनाया जाए ।
• शिक्षा व्यवस्था का व्यवसायीकरण रोका जाए।
• स्वास्थ्य सुविधाओं का व्यवसायीकरण रोका जाए ।
• सामान नागरिक संहिता लागु की जाए तथा एक ही देश में अलग-अलग धर्म के आधार पर मापदंड न रखे जाए ।
• शहीदों तथा पूर्व सैनिको के कल्याण हेतु अलग व्यवस्था की जाए ।
• ग्राम स्वराज को बढ़ावा दिया जाए।
हमारे सामाजिक लक्ष्य :
• दहेज़ प्रथा का अंत करना तथा शादी समारोह में सनातन संस्कृति के आधार पर सादगीपूर्ण बनाना।
• सामाजिक कुरीतियों का अंत करना।
• चौपाल व्यवस्था का गठन करना।
• ग्रामीण व्यवस्था को सुदृढ़ करना।
• संयुक्त परिवार व्यवस्था के महत्व को बढ़ाना।
• सामाजिक समरसता तथा एकता को बढ़ावा देना।
• सांस्कृतिक समायोजन तथा पुरातन संस्कृति को आधुनिक समाज के अनुरूप पुनर्जीवित करना।
• पूर्व सैनिक तथा शहीद कल्याण को बढ़ावा देना।
हमारी कार्यप्रणाली :
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की विचारधारा समस्याओं पर सवाल उठाने वाली ना होकर, उन समस्याओ का समाज की सनातन संस्कृति के वर्तमान व्यवस्था के अनुरूप कानून तथा प्रशाशन की मर्यादा में रह कर कोई उपयुक्त हल निकलने वाली विचारधारा है ।अतः हमारी इस मुहीम में हम पहले समस्याओं को चिह्नित करते है, तथा फिर समाज में सभी को साथ मिलकर उसका संभावित हल निकलने का प्रयास स्वंय द्वारा किया जाता है, जो जनभागीदारी वाला होता है ।
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की कार्यप्रणाली में आत्मनिरीक्षण तथा स्वंयस्फूर्त व्यवस्था का विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। हम आलोचना तथा विरोध में समय गंवाने कि बजाय अपने स्तर पर खुद के प्रयास से उदाहरण पेश करते हुए समाज के मार्गदर्शन तथा समस्या का समाधान करने में विश्वास करते है। हमारा मानना है कि समस्या अपने साथ समाधान भी लाती है, हमारे देश में साक्षरता दर तो बढ़ गयी है, किन्तु शिक्षा का स्तर नीचे गिरता चला जा रहा है, आज का युवा दिशाहीन है इसलिए युवा शक्ति को जागरूक करते हुए उत्साहित तथा स्फूर्त करना होगा, जिसमे वो लोग आगे आकर समाज के प्रति अपना कर्तव्य निभाए तथा समाज के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाते हुए नए समाज के निर्माण में अपना योगदान दे।
लोकतान्त्रिक व्यवस्था में जनता के मुद्दों पर आधारित व्यवस्था होती है, तथा जनप्रतिनिधि का कार्य मात्र जनता के जरुरत के अनुरूप जनता के लिए व्यवस्था तथा समस्याओं का हल देना होता है। किन्तु वर्तमान में चुनाव के बाद जनता अपने प्रतिनिधि के चेहरे को भी देखने के लिए तरस जाती है। दूसरी तरफ समाज को छोटी से छोटी बात के लिए भी सरकार के हस्तक्षेप की उम्मीद होती है, ऐसे में हमारा प्रयास इस मुहीम के माध्यम से जनजागरण तथा आत्मनिर्भर होने का प्रयास है।
सभी समस्याओं का समाधान आपसी सामजस्य तथा एकता के साथ आमसहमति से स्वंय के द्वारा स्वंय के लिए होना चाहिए और यही हमारी कार्यप्रणाली है।
संगठन की सरंचना :
श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में ग्राम स्वराज को महत्व देने के लिए तथा सरकार के अनुपूरक के रूप में काम करने के लिए संघटनात्मक ढांचा हमारी संवैधानिक व्यवस्था के अनुरूप तथा अनुकूल ही रखा गया हैं ।हमारे लिए आम जन मानस महत्वपूर्ण हैं, इसी लिए आमजन की बात को आगे लाये जाने योग्य समायोजन किया गया हैं |
प्राथमिकता के आधार पर सर्वप्रथम मुख्य कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा हैं, उसी के आधार पर सारे कार्य तथा आम जन से जुड़ाव रहेगा, जो निम्ननानुसार है -
• ग्रामीण/वार्ड कार्यकारिणी
• ब्लॉक/तहसील कार्यकारिणी
• विधानसभा कार्यकारिणी
• जिला कार्यकारिणी
• संभाग कार्यकारिणी
• राज्य कार्यकारिणी
• राष्ट्रीय कार्यकारिणी
इसके अलावा एक प्रबंधन तथा प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ भी रहेगा जिस के माध्यम से सभी लोग समायोजित रहेंगे, भविष्य में ज़रूरत के अनुसार रोजगार तथा कौशल विकास प्रकोष्ठ, कृषि प्रकोष्ठ, प्रशाशनिक तथा सरकारी सहयता प्रकोष्ठ, सैनिक तथा शहीद कल्याण प्रकोष्ठ, गौ कल्याण प्रकोष्ठ का गठन किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर अन्य प्रकोष्ठ का गठन भी किया जा सकता है, ये सुझाव मात्र हैं, जो की परिस्थितिवश वांछित हैं।
सभी कार्ययोजना तुरंत लागु हो जाए आवश्यक नहीं है, अभी हम कुछ मजबूत क्षेत्र में प्रोयगात्मक कार्य शुरू करने जा रहे हैं, जिस में आप सभी का सहयोग आवश्यक है।