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हम समाज से जुड़े विभिन्न तबके के जागरूक नागरिको को संगठन का हिस्सा बना कर उन पर जिम्मेदारी सौंपते है, जो बिना किसी भेदभाव के समाज में हो रही समस्याओ का समाधान कर सके। कोई भी क्रियाकल्प किसी के विरुद्ध ना होकर, आत्मनिरक्षण तथा आंकलन के आधार पर समाज द्वारा स्वयं का स्वयं के लिए निरपेक्ष प्रयास होता है।जिसकी मर्यादा कानून तथा प्रशासन की अनुपालना तथा सरकार की अनूपुरकता में होता है।

हमारा तात्पर्य या प्रयास चुनावी प्रक्रिया से गठित संवैधानिक सरकारों पर छींटाकशी या विरोध करना नहीं है ।हम स्वयंभू होकर स्वतः समाधान का प्रचलन करते है।

आज हमें सभी विषयो पर सरकार तथा कानून की आदत पड़ चुकी है।ऐसे में हम हमारी सनातन संस्कृति तथा गीता के "कर्म ''सिद्धांत को भूल चुके है।अतः खुद के लिए कर्म करना आवश्यक है ।

उदाहरण के लिए :- नौकरी सरकार से चाहिए ,घर सरकार से चाहिए ,राशन सरकार से चाहिए ,सुरक्षा सरकार चाहिए ,शिक्षा सरकार से चाहिए ,परिवहन सरकार से चाहिए । टैक्स हम देंगे नहीं ,सब कुछ पाना हमारा अधिकार है।किन्तु अपना कर्म नहीं करेंगे।

समाज में सभी सोच के लोग निवास करते है ,जिनमे अच्छे भी शामिल है तथा बुरे भी। अच्छा भी समाज में उतना ही हक़ रखता है ,जितना की बुरा ।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का मानना है,कि समाज सभी के लिए है ,तथा अच्छा या बुरा इंसान नहीं होता बल्कि कर्म होते है।तथा कर्मो का फलित होना संस्कारो पे निर्भर करता हैं, संस्कार सर्वागिण शिक्षा युक्त परिवार तथा सनातन समाज में मिल सकते है । आर्थिक युग में आजीविका के लिए संयुक्त परिवार के लिए सनातन समाज दूर की कड़ी है । क्योंकि आजीविका के लिए रोजगार के साधन एकांकी परिवार व्यवस्था को जन्म दे रहे है । ऐसे में आमूलचूल परिवर्तन ही एकमात्र रास्ता है।वो संगठित समाज की जागरूकता तथा पहल पर निर्भर करता है । इसके लिए हम ने ग्राम स्वराज को उपयुक्त माना हैं, ग्राम स्वराज की व्यवस्था से ही ग्रामीण भारत का सर्वांगीण विकास किया जा सकता हैं ।

अतः श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में संगठित जागरूक नागरिक अपने कर्तव्य पालना से खुद भी प्रयास करते है,तथा दूसरों को भी कर्म तथा कर्तव्य का अहसास दिलाकर उनको जिम्मेदार बनने का कार्य करते है।

हमारे कार्यकर्त्ता अलग-अलग श्रेणी में सैनिक के रूप में कार्य करता है।समय ,साधन तथा स्थान के कारण कार्य क्षेत्र तथा कार्य शैली व कार्य का नाम परिवर्तित होता रहता है।

हमारा दृष्टिकोण व्यापक एंव विकासशील है, तथा राष्ट्रीय की विचारधारा है, कि जो समाज को जागरूक तथा सनातन संस्कृति पर आधारित ग्राम स्वराज कि वास्तविक लोकतान्त्रिक मुहीम को समझते है, तथा जो राजनितिक महत्वाकांक्षा नहीं रखते है, और जो स्वंय समाज के लिए कुछ कर गुजरने कि इच्छा रखते है। जिनको किसी प्रकार के आग्रह कि आवश्यकता नहीं होती, जो बिना किसी पूर्वाग्रह के समाज कि समस्या को बिना जाति तथा राजनीती के देखते हो, वो हमारी मुहीम में जुड़ सकते है।

हम किसी व्यक्ति या जाति विशेष को महत्व ना देते हुए, सामाजिक एकता तथा समरसता कि स्थापना करना चाहते है, तथा यह व्यवस्था आत्मबल और स्वयं के प्रयास पर आधारित है। अतः हमारे लक्ष्य के अनुरूप सभी को जागरूक होकर प्रयास करना होगा, तथा खुद चल कर आगे आना होगा । जो पद, प्रतिष्ठा, ऊंच-नीच, तथा जाति-पातीं कि विचारधारा रखते हो वो पहले समाज कि समस्या को बिना किसी पूर्वाग्रह के समझना तथा पहचानना सीखे तथा उसके बाद हमारी इस मुहीम का हिस्सा बन सकता है।

यह संगठन किसी कि खुद कि विरासत अथवा अपनी राजनीती के लिए कतई नहीं है, जो कोई भी व्यक्ति समय या परिस्तिथि के अनुरूप यदि संगठन में किसी भी पद पे बैठा हुआ है, किन्तु समाजहितार्थ जिसमे आगे चलने कि इच्छा नहीं हो वो हमारी मुहीम का हिस्सा नहीं हो सकता है। हमारा लक्ष्य समाज को एकीकृत करना है, ना कि बांटना, इसलिए लक्ष्य कि तरफ बढ़ो तथा सभी को साथ ले कर चलो ।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना कि विचारधारा समस्याओ पर सवाल उठाने वाली ना होकर, उन समस्याओ का समाज कि सनातन संस्कृति के वर्तमान व्यवस्था के अनुरूप कानून तथा प्रशाशन कि मर्यादा में रह कर कोई उपयुक्त हल निकलने वाली विचारधारा है ।

अतः हमारी इस मुहीम में हम पहले समस्याओ को चिह्नित करते है, तथा फिर समाज में सभी को साथ मिलकर उसका संभावित हल निकलने का प्रयास स्वंय द्वारा किया जाता है, जो जनभागीदारी वाला होता है ।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना कि कार्यप्रणाली में आत्मनिरीक्षण तथा स्वंयस्फूर्त व्यवस्था का विशेष प्रभाव देखने को मिलेगा। हम आलोचना तथा विरोध में समय गंवाने कि बजाय अपने स्तर पर खुद के प्रयास से उदाहरण पेश करते हुए समाज के मार्गदर्शन तथा समस्या का समाधान करने में विश्वास करते है।

हमारा मानना है कि समस्या अपने साथ समाधान भी लाती है, हमारे देश में साक्षरता दर तो बढ़ गयी है, किन्तु शिक्षा का स्तर नीचे गिरता चला जा रहा है, आज का युवा दिशाहीन है इसलिए युवा शक्ति को जागरूक करते हुए उत्साहित तथा स्फूर्त करना होगा, जिसमे वो लोग आगे आकर समाज के प्रति अपना कर्तव्य निभाए तथा समाज के प्रति अपना फ़र्ज़ निभाते हुए नए समाज के निर्माण में अपना योगदान दे।

लोकतान्त्रिक व्यवस्था में जनता के मुद्दों पे आधारित व्यवस्था होती है, तथा जनप्रतिनिधि का कार्य मात्र जनता के जरुरत के अनुरूप जनता के लिए व्यवस्था तथा समस्याओ का हल देना होता है। किन्तु वर्तमान में चुनाव के बाद जनता अपने प्रतिनिधि के चेहरे को भी देखने के लिए तरस जाती है। दूसरी तरफ समाज को छोटी से छोटी बात के लिए भी सरकार के हस्तक्षेप कि उम्मीद होती है, ऐसे में हमारा प्रयास इस मुहीम के माध्यम से जनजागरण तथा आत्मनिर्भर होने का प्रयास है।

सभी समस्याओ का समाधान आपसी सामजस्य तथा एकता के साथ आमसहमति से स्वंय के द्वारा स्वंय के लिए होना चाहिए और यही हमारी कार्यप्रणाली है।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना एक सामजिक संगठन है, तथा राजनीति में कोई भी हस्तक्षेप तथा महत्वाकांक्षा नहीं है। सीधे शब्दों में कहे तो राजनीति में सत्ता के संतुलन तथा आदर्श व्यवस्था हेतु समस्याओ के समाधान के लिए राजनीति से विलग हो कर समाज को जागरूक तथा स्वंयस्फूर्त बनाने हेतु ये मुहीम चला रहे है ।

लोकतंत्र में सभी कि विचारधारा सामान नहीं होती है, तथा सभी लोग आवश्यक नहीं है कि हमारी बात से भी सहमत हों, किन्तु शिक्षा, रोजगार, राष्ट्र, आजीविका, आर्थिक संसाधन, पर्यवरण, स्वच्छ पेय जल, हरियाली, उत्तम स्वास्थ्य के लिए सभी कि चिंता तथा चिंतन सामान ही होते है, चाहे वो किसी भी विचारधारा का हो।

विकसित राष्ट्र तथा पुराने लोकतान्त्रिक देश हमारे लोकतंत्र के सभ्याचार सीख कर एक अच्छे समाज का निर्माण कर चुके है, किन्तु हम भारतीय आज भी राजनितिक उठापटक तथा एक दूसरे से आगे बढ़ने कि होड़ में सामजिक मूल्यों का विघटन कर रहे हैं। अतः हमे राजनीति से अलग होकर समाजिक एकता, शिक्षा, आजीविका, तथा कुरीतियों के समाधान हेतु एक होना होगा जो गैर राजनितिक संस्था मात्र से संभव है।

इस लिए श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का कोई भी राजनितिक एजेंडा नहीं है। आप सभी अपने-अपने राजनितिक संगठन से जुड़े रह कर भी हमारी मुहीम का हिस्सा बन सकते है, बशर्ते आपकी भावना समाज को जोड़ने वाली तथा समाज को सुव्यवस्थित करने वाली हो।

जो समाज में अपने आप को श्रेष्ठ तथा अन्य को निम्न मानते हो, तथा लोगो में ईष्या तथा द्वेष रखते हो, लोगो को छोटा-बड़ा आकलित करते हों, वो हमारी मुहीम को पहले समझे तथा अपने पूर्वाग्रह को त्याग कर समाज के लिए आगे बढे तथा फिर हमे सहयोग करे। आकरण किसी के बारे में अपनी राय न बनाये, यदि हमारे किसी कार्य से किसी व्यक्ति विशेष कि भावना आहात हुई हो, तो भी हमारा निवेदन है, कि हमारे प्रयास को मूर्त रूप होने दें, तथा इसके परिणाम को बिना किसी पूर्वाग्रह के देखे, सम्भवतया उस वक्त इस मुहीम का सन्दर्भ सभी को समझ आएगा।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की विचारधारा सनातन संस्कृति तथा वास्तविक लोकतान्त्रिक महत्व पे आधारित है। ऐसे में हम किसी धर्म विशेष को महत्व अथवा किसी धर्म विशेष की आलोचना नहीं करते है। किन्तु लोकतान्त्रिक व्यवस्था में आम सहमति तथा जान भावना का आदर्श स्थान है।

हम किसी धर्म की आलोचना या बुराई नहीं करते है, किन्तु हमारी आस्था तथा हमारे आदर्श का तिरिष्कार एंव उनके अपमान को सहन नहीं करते और ऐसे किसी भी कृत्य के खिलाफ सदैव एकजुट तथा एकमत रहेंगे।

  • हम किसी व्यवस्था पे आघात नहीं करते, किन्तु अन्य का महिमामंडन तथा स्वंय के सांस्कृतिक सनातन मूल्यों को ना समझने वालो के प्रीति समाज को एकजुट रहने का आह्वान करते है।
  • हम किसी जाति विशेष को बढ़ावा नहीं देते है, किन्तु जो लोग धर्म परिवर्तन तथा संकीर्ण मानसिकता और दूषित विचार के साथ समाज पर जोर जबरदस्ती करते है, उनके विरुद्ध हमारी लामबंदी हमेशा रहेगी।
  • हमारी संस्कृति नारी को पूजनीय मानती है, जो लोग नारी पे अत्याचार करते है, तथा उसे भोग विलास का साधन मानते है, उनका विरोध हमारा संगठन हमेशा करता रहेगा।
  • हमारे सांस्कृतिक मूल्य, हमारे आदर्श, तथा हमारे आदरणीय व्यक्तियों पे आघात और अनर्गल बातो से अपमान करने वालो को संविधान में बोलने के आधार पे होने वाले गलत भाषण और अतातायियों का महिमामंडन हमारी व्यवस्था में स्वीकार्य नहीं है, और इसके लिए कानून की मर्यादा में जो भी बन पड़ेगा हम करेंगे, किन्तु अपने आदर्श और संस्कृति की खिलाफत नहीं होने देंगे ।
  • हम सभी से सहमत हो यह आवश्यक नहीं है, किन्तु ऐसे में यदि कोई हिंसा तथा अलगाववाद, आतंकवाद का सहारा लेता है, अथवा इसका परोक्ष तथा प्रत्यक्ष समर्थन करता है, वह हमारी सनातन संस्कृति के खिलाफ है। ऐसे किसी भी कृत्य के लिए संगठन अपनी पुरजोर खिलाफत तथा कार्यवाही करेगा।
  • हम किसी त्यौहार अथवा उत्सव का विरोध नहीं करते है, किन्तु जो लोग मौकापरस्ती के आधार पे हमारे सनातन संस्कृति पे आधारित त्यौहार के बारे में खिलाफत या टिपण्णी करे, अथवा किसी अन्य धर्म के त्यौहार को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करे और हमारा विरोध करे ऐसे किसी भी व्यक्ति या व्यवस्था की खिलाफत हम हमेसा करते रहेंगे ।
  • राष्ट्र की एकता तथा अखंडता के खिलाफ अथवा राष्ट्र की सुरक्षा के खिलाफ जो भी बोलेगा वो हमारी इस मुहीम में विरोध तथा असहनीय की श्रेणी में होगा।
  • हम ऐसी किसी भी व्यवस्था का विरोध करते है, जिसमें किसी एक को धर्म अथवा जाति के आधार पे अन्य से ज़्यादा महत्व दिया जाता हो अथवा सुविधा दी जाती हो, या कोई विशेषधिकार मिलते हो। ऐसा करने वालो के खिलाफ कानून तथा प्रशाशन के दायरे में आने वाले सख्त से सख्त कदम उठाये जाएंगे।

अतः हमारा लक्ष्य किसी जाती धर्म का विरोध करना ना हो कर, अपनी सनातन संस्कृति को वर्तमान परिपेक्ष्य के आधार पे प्रासंगिक बनाना तथा अन्याय एंव देश विरोधी ताकतों के विरुद्ध समाज को एकजुट करना और जागरूकता लाना है।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना सदैव अपनी मुहीम को चुनी हुई सरकार के अनुपूरक के रूप में मानती है, ना की विरोध के रूप में। अभी हमारा समाज जागरूक नहीं है, तथा विशेषरूप से राजनितिक समझ तथा शिक्षा के आभाव में पूर्ण रूप से सरकार पे निर्भर है। समाज अपनी छोटी से छोटी समस्या का समाधान भी सरकार से चाहता है, हर छोटी से छोटी बात के लिए सरकार को दोषी अथवा जिम्मेदार मानता है, जबकि सत्यता में समाज को स्वंय जागरूक होकर अपने लिए स्वंय प्रयास करना चाहिए।

जैसे की स्वरोजगार, स्वास्थ्य, पर्यावरण, मिलावट, भ्रष्टाचार इत्यादि समस्याएं समाज की खुद की वजह से होती है, जिसका समाधान जागरूकता से किया जा सकता है, अतः श्री समाज में जागरूकता ला कर आत्मस्फूर्त व्यवस्था का प्रादुर्भाव करना चाहता है।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना देश की लोकतान्त्रिक सरकार तथा प्रशाशन को पूर्ण सम्मान देती है। हम कानून की अनुपालना में विश्वाश करते है, हम प्रशाशन तथा सरकार से सहयोग की बात करते है, तथा अपेक्षा रखते है की जनमानस की भावना के अनुरूप सरकार तथा प्रशाशन भी वैसा ही सहयोग इस मुहीम के लिए करे।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के लक्ष्य स्पष्ट है, समाज को जागरूक तथा एकजुट करते हुए आर्थिक रूप से सुदृढ़ करना है, इस हेतु हम आत्मस्फूर्त मुहीम को शुरू कर चुके है, हम व्यवस्था परिवर्तन की बात नहीं करते, अपितू अपने प्रयास के माध्यम से समाज तथा सरकार के सामने उदाहरण पेश करते है, हमारा लक्ष्य तो स्पष्ट है किन्तु कुछ मामलो में विरोध तथा असहयोग की स्तिथि भी दिख सकती है जिसके निम्न कारन है :-

  • भ्र्ष्टाचारी अधिकारी एंव कर्मचारी हमसे सहयोग की अपेक्षा न करे, जो हम से जुड़े हुए है अथवा जुड़ना चाहते है वो अपने आचरण में सुधर कर ले अथवा मुहीम में खिलाफत के लिए तैयार रहे।
  • अपनी ड्यूटी तथा अपने कर्तव्य के प्रति सजग तथा जागरूक ना रहने वाले कर्मचारी हमारी मुहीम में निशाने पे रहेंगे।
  • जाति तथा धर्म आधारित कोई भी कार्यवाही हमारी कार्यशैली में अस्वीकार्य तथा असहयोग वाली होगी।
  • किसी के साथ बदले की भावना तथा बिना तथ्यों के आधार पर किया गया कोई भी कृत्य हमारी मुहीम में विरोध का हिस्सा रहेगा।
  • संस्कृति तथा समाज के अहित को बढ़ावा देने वाला कोई भी कार्य अस्वीकार्य होगा।
  • राष्ट्रहित, सामाजिक मूल्य, सनातन संस्कृति मूल्यों का विक्षेप अथवा नुकसान करने वाला कोई भी कृत्य हमारे विरोध का पात्र होगा।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना किसी जाति विशेष को महत्व नहीं देता है, अतः जाति विशेष का नेतृत्व असंभव तथा अप्रासंगिक है। ऐसे में यह भ्रान्ति मात्र होगा की नाम से जाति विशेष सूचक मुहीम लगे, यह मात्र संयोग तथा आस्था का प्रतिक है, जिसमे पुरातन में राजपूत समाज द्वारा समाज के लिए किये गए बलिदान, सुरक्षा, भरण-पोषण का सूचक मात्र है। हम शुद्ध रूप से सामाजिक एकता तथा समरसता स्थापित करने वाले है, हमारा कोई राजनितिक लक्ष्य तथा महत्वाकांक्षा नहीं है।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना समाज के उत्थान के लिए ग्राम स्वराज की मुहीम को चलते हुए, तथा ऐसी दृष्टि से संघठनात्मक सरंचना का निष्पादन करते हुए ग्रामीण स्तर पर पदाधिकारियों एंव कार्यकारिणियों की नियुक्ति कर रहे है। ये सभी नियुक्ति समाज को निरपेक्ष रूप से बिना पक्षपात वाले व्यवहार युक्त शिक्षित, जुझारू तथा ईमानदार युवाओ को दिए जाने की कोशिश है। जो व्यक्ति साधन संम्पन्न तथा अपने व्यवसाय में सुचारु रूप से लगा हुआ हो, तथा समाज की समस्याओ को बिना भेदभाव के सबके साथ बैठ कर सुलझाने वाला हो, जिसमे राजनितिक महत्वाकांक्षा ना हो।

अतः समाज के सभी तबको से समाज की समस्या को समझने वाले युवाओ के नेतृत्व को देखते है, इस लिए इस संगठन को जाति विशेष वाला न समझा जाए ।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना की वर्तमान परिस्तिथि के अनुरूप हमने अभी का जो ढांचा सोचा है वह भारतीय संविधान द्वारा निर्वाचित प्रतिनिधि व्यवस्था के समकक्ष ही है, तथा यह पंचायतीराज एंव राज्य के ढांचे के अनुरूप ही गठित हो कर अनुपूरक के रूप में व्यवस्थित तरीके से काम करने का प्रयास करेगा। शुरुवात में मुख्य कार्यसमिति का गठन किया जाएगा तथा यह ग्राम स्तर तक होगी, जो की आमजनमानस तक हमारी मुहीम का सन्देश तथा योजना के बारे में बताएगी।

कोई भी कार्यकारिणी को स्वछन्द हो कर कार्य करने का अधिकार नहीं होगा, किसी भी पदाधिकारी अथवा कार्यकारिणी के सदस्य को किसी भी राजनितिक पार्टी के पक्ष अथवा खिलाफ बोलने की आजादी नहीं होगी, क्यंकि हमारा मानना है की यह राजनितिक व्यवस्था का हिस्सा है तथा हम मात्र समाज के सहयोग के लिए कार्य कर रहे है ।

सभी के लिए आवश्यक निर्देश तथा किये जाने वाले कार्य पहले से निर्दिष्ट रहेंगे, मुख्य कार्यसमिति ग्राम स्तर पे गठन के पश्चात उसके द्वारा ग्राम की प्राथमिकता का निर्धारण चौपाल के माध्यम से तथा आम जनसहमति से किया जाएगा इसके पश्चात इन प्राथमिकताओं को ऊपर तक पहुँचाया जाएगा। प्राथमिकता के आधार पे अन्य ज़रूरी कार्यसमितियों का गठन भी किया जाएगा, जैसे कृषि, रोजगार एंव प्रशिक्षण, सामाजिक प्रकोष्ठ इत्यादि।

कोई भी कार्यकारिणी स्वछंद तरीके से काम नहीं करे इसके लिए नई तकनीक आधारित व्यवस्था का उद्यापन संगठन द्वारा किया जा रहा है, जिसे सभी को निर्देश भी मिलते रहे तथा अगर कोई सही ढंग से काम नहीं कर रहा है या फिर जान मानस का मत लेना हो अथवा किसी कार्यकारिणी के सदस्य की शिकायत करनी हो या सुझाव देना हो।

कोई भी पदाधिकारी जो जनमानस के खिलाफ हो वह समाज के द्वारा निर्दिष्ट मार्ग पर न चल पर रहा हो तो वह उस पद पे रहने के लायक नहीं समझा जाएगा, ऐसे में जो व्यक्ति निर्दिष्ट मार्ग पे नहीं चल पा रहे हो, अथवा राजनीती कर रहे हो या उनकी महत्वाकांक्षा की वजह से समाज की प्रतिष्ठा धूमिल हुई हो वो समझाइश का पात्र होंगे उनको सुधर हेतु सुझाव तथा उसी हिसाब का कार्य क्षेत्र दिया जाएगा।

इस लिए सभी से आग्रह है की पहले हमारी मुहीम को सही ढंग से समझे तथा सार्थक ढंग से चलने के लिए आवश्यक संसाधन तथा इच्छाशक्ति होने के बाद ही हमारे साथ आगे बढ़ने का सोचे।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना मुख्य कार्यसमिति के ग्राम स्तर तक के गठन के पश्चात एक जन सुनवाई नंबर तथा मोबाइल ऍप के माध्यम से आम जन को अपने सुझाव, समस्या, परशानी, शिकायत को बताने का माध्यम बनाएगी, जिसके समाधान हेतु ही पहले से ग्राम स्तर तक कार्यकारिणी का गठन किया जा रहा है।

इस लिए ये कहना उचित होगा की हम लोकतान्त्रिक व्यवस्था को समाज तथा हमारी सरकार में लाने का प्रबंध कर रहे है, हालांकि वर्तमान में भी सरकार द्वारा प्रयास किये जाते है, किन्तु जागरूकता के अभाव तथा राजनितिक हस्तक्षेप के कारन ये संभव नहीं हो पा रहा है। ऐसे में हमारा प्रयास निरपेक्ष रूप से आम जन की समस्याओ से रूबरू हो कर उनका समाधान निकलना होगा।

इसमें सरकारी तंत्र, प्रशाशन, कर्मचारी, व्यक्ति विशेष तथा मुहीम से जुड़े हुए कार्यकर्ताओ से सम्बंधित शिकायत अथवा सुझाव दिए जा सकेंगे। कृषि, सामजिक, व्यवसाय, रोजगार से सम्बंधित समस्याओ के निवारण हेतु प्रयोग में लाया जाएगा।

अतः संगठन जन भावना के आधार पे चलने वाला बनाया जाएगा, तथा कार्यसमिति के सदस्य विशेष दर्जे वाले न हो कर बिना पूर्वाग्रह के जमीनी स्तर कार्य करने वाले मात्र होंगे।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना एक सामजिक संगठन है, तथा इस से जुड़े हुए किसी भी व्यक्ति की स्वछंदता नज़र आती है, या फिर उसका आचरण समाज तथा इस मुहीम की मुख्य भावना के खिलाफ है, तो कोई भी सामान्य व्यक्ति भी इसके खिलाफ शिकायत/सुझाव वाले नंबर पर अथवा हमारी मोबाइल ऐप पे कर सकेगा (मोबाइल एप कार्यकारिणी के बन जाने के पश्चात आएगी)

यह महज खानापूर्ति वाला न हो कर वास्तविक मायनो में उस सम्बंधित व्यक्ति को दी गयी जिम्मेदारी से मुक्त करने वाली अथवा उस से बिना पूर्वाग्रह के पूछताछ करने वाली होगी, यदि कोई व्यक्ति दोषी पाया जाता है उसके खिलाफ उसी प्रकार का निर्णय लिया जाएगा, जिसमे एक तरफ यदि सामाजिक गलती हो उसका दंड सामाजिक तरीके से, यदि कानून गलती हुई है तो दंड भी कानून के द्वारा उसी विधान से निष्पक्ष तरीके से किया जाएगा।

संगठन का कोई भी आर्थिक ढांचा फिलहाल नहीं है, सब कुछ आपसी सहयोग से चल रहा है, किन्तु सामाजिक संगठन होने के कारन तथा कोई भी आर्थिक स्त्रोत नहीं होने के कारन यह संगठन आप सभी के आर्थिक सहयोग से चलने वाला संगठन होगा। इस हेतु आप सभी का सहयोग अपेक्षित होगा, इसके लिए किसी से आग्रह करना समाज की इस व्यापक मुहीम का अपमान करने जैसा है, अतः आप सभी से निवेदन है की अपनी क्षमता तथा सामर्थ्य के अनुसार आवश्यक रूप से आर्थिक सहयोग करे। क्यूंकि ये संगठन आपका अपने द्वारा चलाया जाने वाला संगठन है, कुछ मुहीम है जिनके लिए लगातार आर्थिक संसाधनों की आवश्यकता लगी रहेगी जैसे नई तकनीक के गठन तथा उसके निरंतरता के लिए, उस में कार्य कर रहे कर्मचारीगण के लिए, विभिन्न प्रकार के प्रकोष्ठ के विधिवत तरीके से काम करने के लिए, आकस्मिक आपदा अथवा जरुरत को पूरा करने के लिए, संगठन के प्रचार तथा प्रसार के लिए एंव समाज में शामिल उन लोगो के लिए जिन्हे वास्तव में हम सभी की ज़रूरत है।

दिया गया सहयोग सार्वजानिक किया जाएगा, तथा जो भी सहयोग दिया जाए उसकी पावती आवश्यक रूप से ले, यदि बिना रशीद के आप से कोई भी सहयोग मांगता है उसकी सत्यता की जांच अवश्य कर ले, क्यूंकि समाज में विभिन्न प्रकार के लोग बैठे है जो हम सभी के भावनाओ से खिलवाड़ कर जाते है। अनावश्यक वसूली, किसी से ज़बरदस्ती पैसे वसूल करना या पैसे के लिए धमकाना या डरना, किसी की भावना से खिलवाड़ करना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है उसके खिलाफ शिकायत करे, संगठन तथा मुहीम के नाम पे कोई भी पैसा ले उसकी सत्यता के लिए हमारी वेबसाइट पे संपर्क सूत्र दिए होंगे उसकी अनुपालना अवश्य करे। अभी के लिए 6375673406 , 0141 - 6537773 इन नंबर पे सम्पर्क किया जा सकता है।

हाँ ये आपका संवैधानिक अधिकार है, तथा कोई भी व्यक्ति यदि संदिग्ध लगता है अथवा ये महसूस किया जाता है की संगठन के नाम पे कोई पैसे वसूल कर रहा है और वह अवैध है जिसकी पावती(रशीद) उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है, या फिर दिए गए पैसे का ब्यौरा वेबसाइट पे अगले १५ दिन तक नहीं मिलता है, ऐसे किसी भी लेन-देन की जानकारी आप हमारे द्वारा दिए गए नंबर पे दे सकते है ।

श्री कभी भी किसी को भी अनधिकृत अथवा ज़बरदस्ती पैसे या आर्थिक सहयोग के लिए नहीं बोलता यह आपका स्वेच्छिक कदम है। इसलिए पैसा देने से पहले हमेशा सावधानी रखे।

हाँ आवश्यक रूप से संगठन की आधिकारिक वेबसाइट भी होगी जिसका लिंक www .rrks .in है, वर्तमान में काफी सारे पेज फेसबुक पर माननीय श्री सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के नाम पे चल रहे है, तथा काफी सारे व्हाट्सप्प ग्रुप भी चलाये जा रहे है, किन्तु आने वाले समय में सिर्फ कुछ जो स्वीकृत पेज होंगे वही रहेंगे तथा अनधिकृत पेज तथा ग्रुप को हटा दिया जाएगा।

हमारी इस मुहीम का नेतृत्व माननीय श्री सुखदेव सिंह गोगामेड़ी द्वारा किया जा रहा है, हालाँकि अभी संगठन की भी कुछ वेबसाइट चल रही है जिनका समायोजन ऊपर लिखित वेबसाइट में कर दिया जाएगा। जो भी जानकारी संगठन के पेज तथा वेबसाइट पे हो उसी को आधिकारिक मन जाए अन्य सभी स्त्रोत से मिलने वाली जानकारी की सत्यता की परख पहले कर ली जाए उसके बाद उस पे अमल किया जाए।

श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना का कार्य क्षेत्र सिमित नहीं है, यह सामाजिक संगठन है, तथा समाज की एकता, समरसता तथा आर्थिक समृद्धि हेतु कार्य किया जा रहा है, ऐसे में ग्राम स्वराज ही अपने आप में इतना विस्तृत है जिसमे सभी का सर्वांगीण विकास होने की संभावना दिखाई पड़ रही है, इसमें चौपाल, पंचायत राज, स्वरोजगार, कृषि, शिक्षा, संस्कृति मुख्य रूप से शामिल है।

श्री समाज के इस व्यापक लक्ष्य की पूर्ति हेतु हमारा दृष्टिकोण व्यापक है, जहाँ अन्याय, अव्यवस्था तथा अराजकता होगी वह पैर हम हमारा किरदार महत्वपूर्ण तथा अत्यंत आवश्यक मानते है। हम संम्पूर्ण भारत में इस व्यवस्था हेतु कार्य करना चाहते है, तथा कोई भी व्यक्ति जो चाहे किसी भी जाति अथवा धर्म, राजनीती पार्टी से क्यों न जुड़ा हो वह हमारी मुहीम का हिस्सा हो सकता है, किन्तु यह विधित रहे की हम किसी भी धर्म अथवा राजनितिक पार्टी का समर्थन नहीं करते है, हमारा लक्ष्य सनातन संस्कृति है। हम मात्र जान भावना को महत्व देते है।

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